Income Tax Slab for AY 2021 – 22 In Hindi – इनकम टैक्स स्लेब रेट

Income Tax Slab for AY 2021 – 22

Income Tax Slab for AY 2021 – 22 In Hindi – इनकम टैक्स स्लेब रेट

वितमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को पेश किये गए आम बजट में इनकम टैक्स की नई दरे ( Income Tax Slab ) निर्धारित की है ! इसमें सरकार ने व्यक्ति ( Individual ) को यह विकल्प दिया है कि वह अपनी इच्छानुसार नई और पुरानी दरो में से किसी का भी चुनाव कर सकता है ! यदि व्यक्ति नई टैक्स दर ( New Income Tax Slab AY 2021 – 22 ) का चयन करता है तो उसे मिलने वाली सभी छुटो ( Deductios ) का लाभ नहीं मिलगे ! वही दूसरी और यदि वह डिडक्शन का लाभ लेना चाहता है तो उसे पुरानी टैक्स रेट के हिसाब से अपना टैक्स कैलकुलेट करना होगा ! आइये जानते है आयकर की नई और पुरानी दरे – Income Tax Slab for AY 2021 – 22 In Hindi

 

आयकर की नई और पुरानी दरे  (Income Tax Slab New and Old Rates )

Income  ( आय ) नई दर ( New Rates ) पुरानी दर ( Old Rates )
2.5 लाख रूपये तक ( Up to Rs. 2.5 lakh ) शून्य ( Exempt ) शून्य ( Exempt )
2.5 लाख से 5 लाख रूपये तक ( Rs. 2.5 lakh – Rs. 5 lakh ) 5 फीसदी 5 फीसदी
5 लाख से 7.5 लाख रूपये तक ( Rs. 5 lakh – Rs. 7.5 lakh ) 10 फीसदी 20 फीसदी
7.5 लाख से 10 लाख रूपये तक ( Rs. 7.5 lakh –Rs.10 lakh ) 15 फीसदी 20 फीसदी
10 लाख से 12.5 लाख रूपये तक ( Rs.10 lakh –Rs.12.5 lakh) 20 फीसदी 30 फीसदी
12.5 लाख से 15 लाख रूपये तक ( Rs.12.5 lakh –Rs.15 lakh) 25 फीसदी 30 फीसदी
15 लाख रूपये से उपर (Above Rs 15 lakh ) 30 फीसदी 30 फीसदी

 

नोट : इनकम टैक्स एक्ट , 1961 की धारा 87A के अनुसार जिस व्यक्ति की आय 5 लाख रूपये तक या उससे कम है उनको 12500 रूपये या 100 प्रतिशत टैक्स की राशी दोनों में से जो भी कम हो उसकी छुट दी जाती है !

Also Read : टैक्स बचाने के 80सी के शानदार विकल्प !

वरिष्ठ नागरिको  के लिए इनकम टैक्स की दर ( AY 2021 – 22 Income Tax Slab for Senior Citizens )

आयकर अधिनियम , 1961 के अनुसार जिन व्यक्तियों की उम्र 60 वर्ष से 80 वर्ष के बिच है वे वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते है !

वार्षिक आय ( Annual Income ) पुरानी टैक्स रेट ( Old Tax Rate )
3 लाख रूपये तक ( Up to Rs. 3 lakh ) शुन्य ( Exempt )
3 लाख से 5 लाख रूपये तक ( Rs. 3 lakh – Rs. 5 lakh ) 5 प्रतिशत
5 लाख से 10 लाख रूपये तक ( Rs. 5 lakh – Rs. 10 lakh ) 20 प्रतिशत
10 लाख रूपये से ज्यादा ( Above Rs. 10 lakh ) 30 प्रतिशत

 

नोट : नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत नई टैक्स दर सभी नागरिको और वरिष्ठ नागरिको के लिए समान रूप से लागु होती है !

 

अति वरिष्ठ नागरिको के लिए इनकम टैक्स दर ( AY 2021 – 22 Income Tax Slab for Super Senior Citizen )

वार्षिक आय ( Annual Income ) पुरानी टैक्स दर ( Old Tax Rate )
5 लाख रूपये तक ( Up to Rs. 5 lakh ) शुन्य ( Exempt )
5 लाख से 10 लाख रूपये तक ( Rs. 5 lakh – Rs. 10 lakh ) 20 प्रतिशत
10 लाख रूपये से अधिक ( Above Rs. 10 lakh ) 30 प्रतिशत

 

नोट : नई टैक्स व्यवस्था 2021 – 22 के लिए सभी करदाताओ के लिए समान है ! चाहे वह व्यक्ति / सीनियर सिटिजन / सुपर सीनियर सिटिजन हो !

 

एचयुएफ के लिए आयकर 2021 – 22 की दरे ( AY 2021 – 22 Income Tax Slab for HUF )

आयकर अधिनियम में HUF को भी यह विकल्प दिया गया है कि वह भी यूनियन बजट 2020 में घोषित टैक्स की नई और पुरानी दरो में से किसी भी एक विकल्प का चयन कर सकता है

 

Income  ( आय ) नई दर ( New Rates ) पुरानी दर ( Old Rates )
2.5 लाख रूपये तक ( Up to Rs. 2.5 lakh ) शून्य ( Exempt ) शून्य ( Exempt )
2.5 लाख से 5 लाख रूपये तक ( Rs. 2.5 lakh – Rs. 5 lakh ) 5 फीसदी 5 फीसदी
5 लाख से 7.5 लाख रूपये तक ( Rs. 5 lakh – Rs. 7.5 lakh ) 10 फीसदी 20 फीसदी
7.5 लाख से 10 लाख रूपये तक ( Rs. 7.5 lakh –Rs.10 lakh ) 15 फीसदी 20 फीसदी
10 लाख से 12.5 लाख रूपये तक ( Rs.10 lakh –Rs.12.5 lakh) 20 फीसदी 30 फीसदी
12.5 लाख से 15 लाख रूपये तक ( Rs.12.5 lakh –Rs.15 lakh) 25 फीसदी 30 फीसदी
15 लाख रूपये से उपर (Above Rs 15 lakh ) 30 फीसदी 30 फीसदी

 

 

सरचार्ज ( Surcharge Rate For AY 2021 – 22 )
आय ( Income ) अधिभार दर ( Surcharge Rate )
50 लाख से कम ( Below Rs 50 lakh ) शुन्य
50 लाख से 1 करोड़ रूपये तक ( Rs 50 lakh – Rs. 1 Crore ) 10 प्रतिशत
1 करोड़ से 2 करोड़ रूपये तक ( Rs. 1 Crore – Rs 2 Crore ) 15 प्रतिशत
2 करोड़ से 5 करोड़ रूपये तक ( Rs. 2 Crore – Rs 5 Crore ) 25 प्रतिशत
5 करोड़ से 10 करोड़ रूपये तक ( Rs. 5 Crore – Rs. 10 Crore ) 37 प्रतिशत
10 करोड़ रूपये से अधिक ( Above Rs 10 Crore ) 37 प्रतिशत

 

नोट : आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 111A , 112 A और 115 AD के अंतर्गत कुल करयोग्य आय पर 25 प्रतिशत और 37 प्रतिशत सरचार्ज नहीं लगाया जाता है ! ऐसे मामलो में इन पर सरचार्ज 15 प्रतिशत की दर से लगाया जाता है ! कुछ मामले ऐसे भी है जिनमे सरचार्ज पर रिलीफ उपलब्ध करवाई गयी है !

Health & Education Cess : इसके अलावा इन पर कुल टैक्स पर 4 प्रतिशत की दर से हेल्थ एंड एजुकेशन सेस भी लगाया जाता है !

 

घरेलु कम्पनी के लिए टैक्स दर ( AY 2021 – 22 Income Tax Slab For Domestic Company )

घरेलु कंपनी ( Domestic Company ) टैक्स दर ( Tax Rate for AY 2021 – 22 )
Total Turnover or Gross Receipts During the Previous Year

2018  – 19  Does note Exceed Rs. 400 Crore. ( वितीय वर्ष 2018 – 19 में जिस कंपनी का कारोबार 400 करोड़ रूपये तक था )

25 प्रतिशत
Total Turnover or Gross Receipts During the Previous Year 2019 – 20 Does not Exceed Rs. 400 Crore. ( वित्तीय वर्ष 2019 – 20 में जिस कंपनी का कारोबार 400 करोड़ रूपये तक था ) NA
अन्य घरेलु कंपनियां ( Any Other Domestic Company ) 30 प्रतिशत

 

AY 2021 – 22 के लिए एक घरेलु कंपनी के पास यह विकल्प होता है कि वह सरकार द्वारा घोषित विशेष आयकर दरो को भी चुन सकती है !  एक घरेलू कंपनी के लिए विशेष आयकर दर इस प्रकार है –

घरेलु कंपनी ( Domestic Company ) टैक्स दर ( Tax Rate for AY 2021 – 22 )
सेक्शन 115 BA विकल्प का चयन करने पर 25 प्रतिशत
सेक्शन 115 BAA विकल्प का चयन करने पर 22 प्रतिशत
सेक्शन 115 BAB विकल्प का चयन करने पर 15 प्रतिशत

 

घरेलु कंपनियों पर आयकर पर सर्चार्ज ( Surcharge on Domestic Company )
करयोग्य आय Rs. 1 Crore – Rs.10 Crore Above Rs. 10 Crore
सरचार्ज रेट 7 प्रतिशत 12 प्रतिशत

 

जिन घरेलू कंपनियों की करयोग्य आय ( Taxable Income ) 1 करोड़ से अधिक व् 10 करोड़ से कम है तो उस पर 7 प्रतिशत की दर से सरचार्ज लगता है ! वही यदि किसी घरेलु कंपनी की करयोग्य आय 10 करोड़ रूपये से अधिक है तो उस पर 12 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा ! यदि कोई घरेलु कंपनी सेक्शन 115 BAA और सेक्शन 115 BAB के तहत करदेयता का विकल्प चुनती है तो उसे 10 प्रतिशत के हिसाब से सरचार्ज देना होगा ! इसके अलावा इन कंपनियों पर कुल टैक्स का 4 प्रतिशत Health & Education Cess भी लगता है !

 

भागीदारी फर्म के लिए आयकर दर ( Income Tax Slab for Partnership Firm 2021 – 22 )

भागीदारी फर्म के लिए वित्त वर्ष 2020 – 21 के लिए टेक्स स्लेब रेट 30 प्रतिशत ( फ्लेट ) निर्धारित है !

सरचार्ज : भागीदारी फर्म की करयोग्य आय जहाँ 1 करोड़ रूपये से अधिक है तो उस फर्म की इनकम टैक्स पर 12 प्रतिशत की दर से सरचार्ज लगेगा ! कुछ मामलो में भागीदारी फर्म को सरचार्ज के मामलो में मार्जिनल रिलीफ भी है !

 

जानिए आय के हिसाब से फायदे का गणित

उपरोक्त आयकर की नई और पुरानी दरो को जानने के बाद हर करदाता के मन में यह सवाल आना लाजमी है की उनके लिए आयकर की नई और पुरानी में से कोनसी दर फायदेमंद रहेगी और कोनसी नहीं ! यहाँ हम निम्न उदहारण से जानेंगे की कोनसी आयकर की दर हमारे लिए सही रहेगी जिसमे टैक्स की बचत हो जाये ! तो आइये देखते है –

EXAMPLE 1 : मान लीजिये आप एक वेतनभोगी नागरिक है और आपकी सालाना आय 7.5 लाख रूपये है !

आय ( Income ) नई दर ( New Rates ) पुरानी दर ( Old Retes)
वार्षिक आय ( Annual Income ) 7.5 लाख 7.5 लाख
स्टैण्डर्ड छुट ( Standard Deduction) शून्य 50,000
प्रोफेशनल टैक्स ( Professional Tax ) शून्य 2,500
HRA शून्य 47,500
करयोग्य आय ( Taxable Income ) 7.5 लाख 6.5 लाख
छुट ( Deduction )
होम लोन पर ब्याज की छुट शून्य 20,000
सेक्शन 80सी की छुट ( Sec. 80C ) शुन्य 1,50,000
कुल करयोग्य आय ( Total Taxable Income ) 7.5 लाख 4.8 लाख
टैक्स देनदारी ( Tax Liability ) ( 4 प्रतिशत सेस सहित ) 39,000 शून्य
टैक्स बचत ( Tax Benefit )   39,000

 

उपरोक्त उदहारण से हम समझ सकते है की यदि आप नई टैक्स दर का चुनाव करते है तो इसमें आपको 39000 हजार रूपये का टैक्स लगेगा ! वही यदि आप पुरानी दर के अनुसार अपना टैक्स कैलकुलेट करते हो तो आपको शून्य टैक्स देना होगा क्योंकि सेक्शन 87 A के तहत जिस व्यक्ति की आय 5 लाख रूपये से कम है तो उनको 12500 रूपये या या टैक्स की 100 प्रतिशत राशी दोनों में जो भी कम हो उसकी छुट दी जाती है !

 

EXAMPLE 2 : इस उदहारण में हम वेतनभोगी कर्मचारी की आय 9.5 लाख रूपये सालाना मानते है !

आय ( Income ) नई दर ( New Tax Rate ) पुरानी दर ( Old Tax Rate )
वार्षिक आय ( Annual Income ) 9.5 लाख 9.5 लाख
स्टैण्डर्ड छुट ( Standard Deduction ) शून्य 50,000
प्रोफेशनल टैक्स ( Professional Tax ) शुन्य 2,500
HRA
LTA शून्य 15,000
करयोग्य आय ( Taxable Income ) 9.5 लाख 8,82,500
छुट ( Deduction )
होम लोन पर ब्याज की छुट शून्य 82,500
PF में अंशदान सेक्शन 80C शून्य 20,000
स्कुल ट्यूशन फीस सेक्शन 80C शुन्य 70,000
होम लोन रिपेमेंट सेक्शन 80C शून्य 10,000
मेडिकल बीमा सेक्शन 80D शून्य 10,000
कुल करयोग्य आय ( Total Taxable Income ) 9.5 लाख 6.90 लाख
टैक्स देनदारी ( Tax Liability ) 70,900 52,520
टैक्स बचत ( Tax Benefit )   17,680

 उपरोक्त उदहारण में हम समझ सकते है कि नई टैक्स रेट का चुनाव करने पर हमें 70,900 रूपये टैक्स पे करना होगा जबकि पुरानी टैक्स रेट के हिसाब से हमें 52,520 रूपये ही टैक्स का देना होगा ! सीधे तौर पर यदि हम पुरानी टैक्स रेट का चयन करते है तो हमें 17,680 रपये की टैक्स की बचत होगी !

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