What Is GST In Hindi – जीएसटी (GST ) की पूरी जानकारी

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What Is GST In Hindi – जीएसटी (GST ) की पूरी जानकारी सरल भाषा में

 जीएसटी जिसमे सभी प्रकार के टैक्स को ख़त्म करके एक कर दिया है ! जीएसटी के बाद व्यापारियों की कई समस्याए आसान हुई है ! क्योंकि अलग – अलग टैक्स भरने से व्यापारियों को काफी मुश्किलें आती थी ! जीएसटी में हाल भी कुछ कमियाँ है जिसे धीरे – धीरे दूर किया जा रहा है ! आज भी कुछ लोग ऐसे है जिसे जीएसटी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है ! दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम GST Kya Hai के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ! तो आइये शुरू करते है What Is Gst In Hindi

जीएसटी क्या है ? ( What Is GST )

Contents

गुड्स एंड सर्विस टैक्स ( Goods and Service Tax – GST ) एक अप्रत्यक्ष कर अर्थार्त Indirect Tax है ! GST Bill 1 जुलाई 2017 से लागु हुआ ! जीएसटी बिल के लागु होने के पश्चात् सभी  वस्तुओ और सेवाओ पर एक समान टैक्स लगाया जाता है ! जहाँ GST लागु नहीं है , वहां वस्तुओ और सेवाओ पर अलग – अलग टैक्स लगाये जाते है ! GST Bill के लागु होने से वर्तमान में हर सामान और हर सेवा पर एक ही टैक्स लगता है ! अर्थार्त पहले जो vat , excise और service tax लगते थे उनको समाप्त करके , उनकी जगह सिर्फ एक ही tax लगाया जाता है !

 जीएसटी का पूरा नाम ( GST Full Form )

जीएसटी का फुल फॉर्म है – Goods and Service Tax ( वस्तु एवं सेवा कर )

 जीएसटी के फायदे ( Benefits of GST )

  •     संविधान के मुताबित केंद्र और राज्य सरकारे अपने हिसाब से वस्तुओ और सेवाओ पर टैक्स लगा सकती है !
  • जीएसटी लगने से पहले क्या होता था की अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य से दुसरे राज्य में कोई उत्पाद बनाकर बेचते थे तो उन्हें कई प्रकार के टैक्स का सामना करना पड़ता था जिससे माल की कीमते कई गुना बढ़ जाती थी ! परन्तु जीएसटी लगने के बाद पुरे देश में एक ही टैक्स की दर होने से सामान की कीमत भी कम होगी और व्यापारियों को किसी बात की परेशानी भी नहीं होगी !
  • नेशनल काउंसिल ऑफ़ एप्लाइड रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबित जीएसटी लागू होने से देश की जीडीपी में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है !  

किन उत्पादों पर लागु होगा जीएसटी (On which products will GST be applied )

2014 में पास  संविधान के 122 वे संशोधन के अनुसार जीएसटी सभी तरह की सेवाओ और वस्तुओ पर लागू होगा ! सिर्फ शराब को ही इस टैक्स से बाहर रखा गया है !

कैसे काम करेगा जीएसटी (How will GST work )

जीएसटी को तीन प्रकार में बांटा गया है –

·         केन्द्रीय जीएसटी ( Central Goods and Service Tax – CGST )

·         राज्य जीएसटी ( State Goods and Service Tax – SGST )

·         इंटीग्रेटेड जीएसटी ( Integrated Goods and Service Tax – IGST )

इसमें केन्द्रीय और इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागु करेगा और राज्य जीएसटी राज्य सरकारे लागु करेगी !

जीएसटी की जरुरत क्यों (Why need GST)

हालाँकि जीएसटी भी वैट जैसा ही टैक्स है , लेकिन इसके लागु होने के बाद से कई अन्य प्रकार के टैक्स समाप्त हो गए ! तथा जीएसटी लगने से लगने वाले वैट और सेनवैट दोनों समाप्त हो गए !

हर राज्य में सामान का एक मूल्य (One price of goods in every state )

GST लागु होने से सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को हुआ है ! क्योंकि जीएसटी लगने से सभी राज्य में टैक्स की दर एक समान होने से सभी वस्तुओ की कीमत भी लगभग एक समान ही होगी ! इससे उन्हें अलग – अलग टैक्स न चुकाकर एक ही tax देना होगा ! जैसे मान लीजिये आप कोई कार दिल्ली से खरीदते है तो उसकी कीमत अलग होती है , वही किसी और राज्य में उसी कार की कीमत अलग होगी ! जीएसटी के लागु होने के बाद से कोई भी सामान आप किसी भी राज्य से एक ही दर पर खरीद सकते है !

कम होगी सामान की कीमत (Goods will cost less)

GST के लागु होने के बाद से टैक्स का ढांचा काफी पारदर्शी हो गया है जिससे काफी हद तक टैक्स के विवाद में कमी आई है ! जीएसटी के लागु होने के बाद वैट , मनोरंजन कर , लक्जरी टैक्स , इंट्री टैक्स आदि सभी प्रकार के टैक्स समाप्त हो गए है ! पहले सामान खरीदते समय जहाँ लोगो को 30 – 35 प्रतिशत टैक्स के रूप में चुकाना पड़ता था वो अब घटकर 18 – 28 प्रतिशत के बिच आ गया है !  

 जीएसटी लगने से कंपनियों और व्यापारियों को भी काफी फायदा हुआ है उन्हें अपने उत्पाद को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई परेशानी नहीं होती है !

अन्य टैक्स का ख़त्म होना (Elimination of other tax)

जीएसटी एक ऐसा टैक्स है , जो राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी सामान या सेवा की मैन्युफैक्चरिंग , बिक्री और उपयोग पर लगाया गया है ! इस टैक्स के लागु होने के बाद से ही अन्य सभी प्रकार के टैक्स जैसे वैट , चुंगी , सीएसटी , एंट्री टैक्स ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स आदि सब ख़त्म हो गए !

पुरे देश में समान टैक्स (Uniform tax in whole country)

जीएसटी लगने से सभी देशवासियों को सबसे बड़ा फायदा यह हुआ की इससे पुरे देश में एक समान टैक्स रहेगा ! पुरे देश में सभी प्रकार की वस्तुओ की कीमते एक समान रहती है , तथा जीएसटी लगने से लोगो को कम कीमत पर वस्तुए उपलब्ध हो गई !

टैक्स भरना हुआ आसान (Tax filing is easy)

जीएसटी लगने से टैक्स संरंचना में बहुत ही बड़ा सुधार हुआ है ! जीएसटी लगने से व्यापारियों को बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि उनको पहले टैक्स भरने में जो परेशानी होती थी उन परेशानियों का जीएसटी में काफी हद तक सुधार हुआ है ! जीएसटी को इतना आसान और समझने योग्य बनाया है की आम आदमी भी इसे आसानी से समझ सकता है !

क्यों जरुरी है जीएसटी (Why GST is important )

जीएसटी से पहले का कर ढांचा बहुत ही जटिल था ! क्योंकि उसमे कई प्रकार के टैक्स लगते थे ! तथा जीएसटी लगने से पहले संविधान के अनुसार बिक्री पर  टैक्स लगाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास था जबकि वस्तुओ के उत्पादन और सेवाओ पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास था , जो की एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया थी ! वही दूसरी और इससे अलग – अलग राज्यों में वस्तुओ की दर भी अलग – अलग होती थी ! इससे छोटे व्यवसायों और कंपनियों को बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता था ! इन सभी समस्याओ को ध्यान में रखकर ही जीएसटी को लागु किया गया , जो की एक सही निर्णय था !

टैक्स पर टैक्स व्यवस्था का समाप्त होना (End of tax system on tax)

जीएसटी से पहले की व्यवस्था में केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क ( excise duty ) व् सेवा कर ( service tax ) और राज्य सरकार द्वारा बिक्री कर ( sales tax ) लगाया जाता था ! इस कारण व्यापारी को उत्पाद शुल्क और सेवा कर के भुगतान में बिक्री कर की इनपुट क्रेडिट ( ख़रीदे गए माल पर चुकाया गया टैक्स ) का उपयोग नहीं कर सकता था और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर ( सेवाओ पर चुकाया गया टैक्स ) और उत्पाद शुल्क की क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकता था ! इस कारण से उस व्यवस्था पर टैक्स पर टैक्स लग जाता था जिससे वस्तुओ और सेवाओ की कीमत बढ़ जाती थी !

 जीएसटी लागु होने के बाद से पुरे देश में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर हो गया जिसमे व्यापारियों द्वारा खरीदी गई वस्तुओ और सेवाओ पर चुकाए गए जीएसटी की पूरी इनपुट क्रेडिट मिल जाती है जिसका उपयोग वह बेची गई वस्तुओ और सेवाओ पर लगे जीएसटी के भुगतान में कर सकेगा ! इससे टैक्स केवल लाभ पर ही लगता है और टैक्स पर टैक्स की व्यवस्था भी समाप्त हो गई ! इससे सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को यह हुआ की उन्हें वस्तुए कम कीमत पर उपलब्ध हो गई !

जीएसटी की मुख्य बाते ( GST Key Points )

·         जीएसटी केवल अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को ही एकीकृत करता है ! प्रत्यक्ष कर जैसे आय कर आदि पहले के अनुसार ही लगेंगे !

·         जीएसटी लागू होने से पुरे देश में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगता है जिससे वस्तुओ और सेवाओ की लागत में स्थिरता आई है !

·         संघीय ढांचे को बनाये रखने के लिए जीएसटी दो प्रकार से लगेगा – CGST ( केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर ) और दूसरा SGST ( राज्य वस्तु एवं सेवा कर ) ! सीजीएसटी का हिस्सा केंद्र सरकार के पास जायेगा जबकि एसजीएसटी का हिस्सा राज्य सरकार को प्राप्त होगा !एक राज्य से दुसरे राज्य में वस्तुओ और सेवाओ की बिक्री में IGST ( एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर ) लगेगा ! आईजीएसटी का एक हिस्सा केंद्र सरकार को और दूसरा हिस्सा वस्तु या सेवा का उपभोग करने वाले राज्य को प्राप्त होगा !

·         व्यापारी खरीदी गई वस्तुओ और सेवाओ पर लगने वाले जीएसटी की इनपुट क्रेडिट ले सकेंगे जिनका उपयोग वे बेचीं गई वस्तुओ और सेवाओ पर लगने वाले जीएसटी के भुगतान में कर सकेंगे !

जीएसटी का आम लोगो पर प्रभाव (GST impact on common people )

अप्रत्यक्ष करो का भार हमेशा अंतिम उपभोक्ता को ही वहन करना पड़ता है ! पहले एक ही वस्तुओ पर विभिन्न प्रकार के अलग – अलग टैक्स लगते थे ! लेकिन जीएसटी आने से सभी वस्तुओ और सेवाओ पर एक ही प्रकार का टैक्स लगता है जिससे वस्तुओ की लागत में कमी आई है !

दूसरा सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि पुरे भारत में एक ही दर से टैक्स लगेगा जिससे सभी राज्यों में वस्तुओ और सेवाओ की कीमत एक जैसी होगी !

जीएसटी का व्यापारियों पर प्रभाव (GST impact on traders )

जीएसटी से पहले व्यापारियों को अलग – अलग प्रकार के करो का भुगतान करना पड़ता था जैसे वस्तुओ के उत्पादन पर उत्पाद शुल्क , ट्रेडिंग करने पर सेल्स टैक्स , सेवा प्रदान करने पर सर्विस टैक्स आदि ! इससे व्यवसायी को विभिन्न प्रकार के कर कानूनों की पलना करनी पड़ती थी जो की एक बहुत ही जटिल कार्य था ! लेकिन जीएसटी लागु होने के बाद से उन्हें केवल एक ही प्रकार के अप्रत्यक्ष कर कानून का पालन करना होता है ! इससे भारत के व्यवसाय में सरलता आई है !

 पहले व्यवसायी उत्पाद शुल्क व् सेवा कर के भुगतान में बिक्री कर की इनपुट क्रेडिट ( खरीदे गए माल पर चुकाए गए कर ) का उपयोग नहीं कर सकता था ! और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर और उत्पाद शुल्क की क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकता था ! इस कारण वस्तुओ और सेवाओ की लागत बढ़ जाती थी ! लेकिन जीएसटी के लागू होने के बाद से व्यवसायों को सभी प्रकार की करीदी गई वस्तुओ और सेवाओ पर चुकाए गए जीएसटी की इनपुट क्रेडिट मिल जाती है ! इससे वस्तुओ और सेवाओ की लागत में भी कमी आई है !

किसको रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है (Who is required to register )

 जीएसटी के लिए उन व्यवसायों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है जिनकी सालाना टर्नओवर 40 लाख (कुछ विशेष राज्यों को छोड़कर )रूपये से अधिक है जिसमे Taxable , Non Taxable तथा Exempted सभी प्रकार के टर्नओवर को शामिल किया गया है ! जब जीएसटी लागु हुआ तब यह सीमा 20 लाख रूपये थी जिसे 1 अप्रैल 2019 से बढाकर 40 लाख रूपये कर दिया गया था ! इससे देश के करीब 10 लाख छोटे कारोबारियों का फायदा हुआ !

 दोस्तों उम्मीद करता हूँ What Is GST In Hindi आर्टिकल आपको समझ आ गया होगा ! फिर भी यदि इसमें आपको कोई बात समझ में नहीं आई है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है !

 FAQs: 

Q : जीएसटी की फुल फॉर्म क्या है ?

Ans : वस्तु एवं सेवा कर ( Goods and Service Tax )

Q : जीएसटी कब लागु हुआ ?

Ans : 1 जुलाई 2017

Q : जीएसटी के कितने प्रकार है ?

Ans : जीएसटी को तीन प्रकार में बांटा गया है –
केन्द्रीय जीएसटी ( Central Goods and Service Tax – CGST )
राज्य जीएसटी ( State Goods and Service Tax – SGST )
इंटीग्रेटेड जीएसटी ( Integrated Goods and Service Tax – IGST )

Q : जीएसटी में कुल कितने टैक्स स्लेब है ?

Ans : जीएसटी में चार टैक्स स्लैब है – 5% , 12% , 18% तथा 28%

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