म्यूच्यूअल फण्ड की जानकरी सरल भाषा में | Mutual Fund Basics In Hindi
Mutual Fund Basics In Hindi – शेयर बाजार में पैसा लगाकर उसे दुगुना – तिगुना करने की चाहत ज्यादातर लोगो में होती है ! लेकिन समय की कमी , शेयर बाजार के बारे में जानकारी का अभाव तथा शेयर मार्केट की अस्थिरता बहुत से लोगो को शेयर बाजार में आने से रोकती है ! यही कारण है कि लोगो को अपनी मेहनत की पूंजी बेमन से निवेश के पारम्परिक तरीके में लगाकर , उस पर मिले कम रिटर्न पर ही संतोष करना पड़ता है ! ऐसे निवेशको के लिए म्यूच्यूअल फण्ड ( Mutual Fund ) निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है !
म्यूच्यूअल फण्ड उन निवेशको के लिए निवेश का सबसे आसान रास्ता है जो Share Market में निवेश तो करना चाहते है लेकिन ज्यादा जोखिम लेने से डरते है , तथा उन्हें शेयर बाजार ( Mutual Fund Basics )की ज्यादा जानकारी नहीं होती है ! ऐसे में उनके लिए म्यूच्यूअल फण्ड ( Mutual Fund ) निवेश का एक ऐसा विकल्प है जो उन्हें शेयर मार्केट में उतरे बिना शेयर बाजार की तेजी का लाभ दिलाता है तथा जोखिम का अनुपात भी शेयर बाजार की तुलना में बहुत कम होता है ! यही कारण रहा है की पिछले कुछ सालो में म्यूच्यूअल फण्ड निवेशको के बिच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है !
म्यूच्यूअल फण्ड की जानकरी सरल भाषा में | Mutual Fund Basics In Hindi
Contents
- 1 म्यूच्यूअल फण्ड की जानकरी सरल भाषा में | Mutual Fund Basics In Hindi
- 1.1 म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता है ? ( How Mutual Funds Work In India In Hindi )
- 1.2 म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश लाभदायक ( Mutual Fund Sahi Hai In Hindi )
- 1.2.1 विविधता (Diversification)
- 1.2.2 तरलता ( Liquidity )
- 1.2.3 अनुभवी व् प्रशिक्षित प्रबंधन (Experienced and trained management )
- 1.2.4 व्यवस्थित निवेश योजना ( SIP In Hindi Meaning )
- 1.2.5 प्रवेश और निकासी की आसान प्रक्रिया ( Easy Entry and Exit )
- 1.2.6 कर – लाभ ( Tax Benefit )
- 1.2.7 म्यूच्यूअल फण्ड की आमदनी के स्त्रोत (Sources of income of mutual fund )
आज हम इस लेख में क्या म्यूच्यूअल फण्ड सही है ? ( Mutual Fund Sahi Hai In Hindi ) . म्यूच्यूअल फण्ड की कार्यप्रणाली क्या है तथा म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता ( How Mutual Funds Work In India ) है इन सभी बातो को विस्तार से जानेंगे ! तो आइये शुरू करते है Mutual Fund Basics In Hindi –
म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता है ? ( How Mutual Funds Work In India In Hindi )
म्यूच्यूअल फण्ड सेबी द्वारा रजिस्टर्ड एक ऐसी कॉर्पोरेट संस्था है , जो उन सभी निवेशको के निवेशित धन को इकठ्ठा करती है , जिनके समान वितीय लक्ष्य हो ! इस एकत्रित धन को यह शेयर बाजार के विभिन्न उपकरणों जैसे Equity Shares , Debentures , govt. Securities , Bonds आदि में निवेश करती है ! निवेशको द्वारा एकत्रित की गई पूंजी को कैपिटल मार्केट में सही तरह निवेश करने के लिए फण्ड मेनेजर्स नियुक्त किये जाते है ! चूँकि ये फण्ड मेनेजर बाजार के अनुभवी खिलाडी होते है , इसलिए निवेशको के धन को बाजार में इस तरह निवेश करते है , ताकि निवेशित धन से आय ( Return ) ज्यादा से ज्यादा प्राप्त हो ! इस पूंजी वृद्दि को निवेशको के पास मौजूद म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट के अनुपात में बाँट दिया जाता है !
उदाहरण के लिए , यदि म्यूच्यूअल फण्ड की किसी स्कीम में एक वर्ष में निवेशको को 50 प्रतिशत रिटर्न मिला तो इसका मतलब निवेशक के पास उस फण्ड की जितनी यूनिट्स है , उसके अनुसार उसकी पूंजी में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी ! यही कारण है कि म्यूच्यूअल फण्ड आम आदमी के लिए निवेश का बेहतरीन तरीका माना जाने लगा है ! यहाँ निवेशक का पैसा एक तो कुशल हाथो में होता है , दूसरा फण्ड मेनेजर निवेशको की पूंजी को अलग – अलग तरीके से बाजार में लगाते है ! भारत में तकरीबन 200 म्यूच्यूअल फण्ड है और अमेरिका में यह 3000 से भी अधिक है ! सरल शब्दों में कहे तो म्यूच्यूअल फण्ड एक ऐसी निवेश कंपनी है , जो निवेशको के धन को एकत्रित कर , उस धन को निवेश करती है !
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आमतौर पर यह निवेश शेयर बाजार की प्रतिभूतियो या सरकारी प्रतिभूतियो में होता है ! उदाहरण के लिए जब आप किसी इक्विटी फण्ड में निवेश करते है तो शेयर बाजार से शेयर खरीदने का काम आप खुद नहीं करते है , बल्कि आपके लिए यह काम म्यूच्यूअल फण्ड की एसेट मेनेजमेंट कंपनी करती है ! और इक्विटी के माध्यम से आपका पैसा किन – किन इक्विटी शेयरों में लगाया जायेगा और उसे कब बेचा जायेगा , इसका निर्णय फण्ड मेनेजर करते है ! इससे लाभ यह होता है कि आपका पैसा विभिन्न सेक्टरो के अच्छे प्रदर्शन कर रहे विभिन्न shares में लगाया जाता है इससे जोखिम कम हो जाता है , जबकि सीधा शेयर बाजार में निवेश करने पर जोखिम अधिक रहता है !
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश लाभदायक ( Mutual Fund Sahi Hai In Hindi )
प्रत्यक फण्ड अपने उद्देश्य के हिसाब से सिक्योरिटीज की विभिन्न श्रेणियों में निवेश करता है ! म्यूच्यूअल फण्ड विभिन्न एसेट क्लास , जैसे – इक्विटी , बांड , डिबेंचर , डेब्ट तथा विभिन्न सरकारी प्रतिभूतियो में निवेश करता है ! किस एसेट में कितना निवेश म्यूच्यूअल फण्ड द्वारा किया जायेगा , यह उसकी स्कीम के उद्देश्य पर निर्भर करता है ! कुछ स्कीम 100 प्रतिशत इक्विटी में निवेश करती है , वही कुछ फण्ड स्कीम थोडा इक्विटी व् थोड़ा डेब्ट में निवेश करती है ! लेकिन स्कीम कोई भी हो , म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश शेयर बाजार की तुलना में किन कारणों से ज्यादा लाभदायक है , यह जानना जरुरी है !
विविधता (Diversification)
यदि आप शेयर बाजार में छोटी रकम लगाते है , अर्थार्त यदि आप छोटे निवेशक है तो आपको शेयर बाजार में निवेश करने से विविधता नहीं मिल पाती ! आप अपनी सिमित राशी के साथ एक या दो सेक्टरो की कुछ कंपनियों में ही निवेश कर सकते है , क्योंकि यदि आपको विविध प्रकार के शेयरों में निवेश करना है तो लाखो रुपयों की जरुरत होती है ! यदि आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है तो आपके द्वारा निवेशित छोटी राशी भी शेयर बाजार की सभी प्रमुख कंपनियों में निवेशित की जाती है !
उदाहरण के लिए यदि आपने रिलायंस के इक्विटी फण्ड में 10 हजार रूपये की राशी निवेश की है तो फण्ड मेनेजर इन रुपयों को 100 से अधिक अलग – अलग कंपनियों में निवेश कर निवेशक को विविधता का लाभ देता है ! इस विविधता से ही जोखिम को कम किया जाता है ! क्योंकि ऐसा बहुत ही कम होता है कि सभी स्टॉक एक ही समय में एक साथ निचे गिर जाए ! चूँकि 100 विभिन्न कंपनियों में फण्ड के माध्यम से आपका पैसा लगा है तो यदि बाजार में उतार – चढाव आता है तो कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमत यदि बहुत निचे आ गई होगी तो उसकी भरपाई कुछ कंपनियों में शेयरों की ऊँची कीमत से हो जाएगी ! विविधता द्वारा जोखिम को कम कर निवेशको को लगातार एक औसत रिटर्न मुहैया करवाते रहना ही म्यूच्यूअल फण्ड का सबसे लाभदायक पहलु है !
तरलता ( Liquidity )
चूँकि म्यूच्यूअल फण्ड बहुत सारे निवेशको की पूंजी को एकत्र कर शेयरों में लगाता है , इसलिए यहाँ शेयरों से ज्यादा लिक्विडिटी का लाभ मिलता है ! अगर आपने ओपन एंडेड स्कीम में निवेश किया है और आपको अपना पैसा वापस जल्दी चाहिए तो आप अपनी फण्ड यूनिट को बाजार में उस म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट के कुल सम्पति मूल्य के आधार पर बेच सकते है ! उदाहरण के लिए यदि अपने ओपन एंडेड की किसी कम्पनी में निवेश किया , तब आपको उस फण्ड की एक यूनिट 10 रूपये यूनिट के हिसाब से मिली और तक़रीबन छः महीने बाद आपको पैसो की जरुरत पड़ गई और आपने अपनी यूनिट बेचने का निर्णय किया तो उस समय आपको यूनिट के बाजार मूल्य के हिसाब से पैसा प्राप्त हो जायेगा !
अनुभवी व् प्रशिक्षित प्रबंधन (Experienced and trained management )
म्यूच्यूअल फण्ड ( Mutual Fund Basics ) में निवेश कर आप निश्चिंत हो सकते है , क्योंकि आप अपना पैसा ऐसे प्रशिक्षित व् अनुभवी लोगो के हाथो में सोपते है , जो आपके पैसे को बेहतर तरीके से निवेश कर आपको बेहतर रिटर्न ( लाभ ) देने की कोशिश करते है ! यह उन निवेशको के लिए तो बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है जिनमे शेयरों में निवेश की समझ व् अनुभव नहीं होता और न ही वे वितीय रूप से इतने मजबूत होते है की वितीय सलाहकारों की सेवाए ले सके ! ऐसे में म्यूच्यूअल फण्ड के द्वारा निवेश कर वे बैठे – बिठाये शेयर बाजार में अनुभवी खिलाडियों के कौशल का फायदा अपने लाभ के लिए कर सकते है !
व्यवस्थित निवेश योजना ( SIP In Hindi Meaning )
म्यूच्यूअल फण्ड के माध्यम से आप अपनी मासिक बचत को मासिक , त्रेमासिक या छःमाही आधार पर निवेश कर सकते है ! उदाहरण के लिए यदि आप हर महीने 500 रूपये का निवेश करना चाहते है तो उसे भी आप व्यवस्थित निवेश योजना ( SIP Plan ) के द्वारा शेयर बाजार में निवेश कर सकते है ! ऐसा option इक्विटी शेयरों में नहीं है ! एस. आई. पी. के द्वारा निवेशक हर महीने की अपनी अतिरिक्त आय पर अच्छा रिटर्न पा सकता है ! शेयरों में निवेश करने के लिए जहाँ निवेशक को बाजार के निचे आने का इंतजार करना पड़ता है , वही SIP के द्वारा निवेशक (न्यूनतम या अधिकतम ) किसी भी स्तर पर निवेश कर सकता है !
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बाजार में यदि अस्थिरता हो यानी अस्थिरता से सेंसेक्स में बहुत ज्यादा उतार – चढाव होता है तब SIP (systematic investment plan ) द्वारा किया गया निवेश ज्यादा सुरक्षित व् फायदेमंद निवेश माना जाता है ! इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है –
मान लो आपने किसी अच्छी फण्ड स्कीम में हर महीने 1000 रूपये निवेश करने का निर्णय किया तो उसका लाभ आपको किस तरह मिलेगा ! इस उदाहरण में देखे –
दिनांक नेट एसेट वैल्यू ( NAV ) 1000 रूपये में मिलने वाली यूनिट्स
1 जनवरी 10 100
1 फरवरी 11 90.90
1 मार्च 12 83.33
1 अप्रैल 10.5 95.23
1 मई 9.5 105.26
1 जून 10.3 97.087
यानी छः महीने में आपको हर महीने 1000 रूपये निवेश करने से कुल 571.77 यूनिट्स प्राप्त हुई ! इस प्रकार लम्बी अवधि में बाजार के ऊपर – निचे जाने से आपको फायदा मिलेगा और अच्छा लाभ प्राप्त होगा !
प्रवेश और निकासी की आसान प्रक्रिया ( Easy Entry and Exit )
फण्ड में निवेश के साथ काफी लचीलापन जुड़ा है ! आप अपनी जरूरतों व् सुविधा के अनुसार तथा अपने वितीय लक्ष्यों को सही मायनो में , सही तरीके से पूरा करने के लिए फण्ड में उपलब्ध विभिन्न विकल्पों को चुन सकते है ! अपनी वित्तीय जरुरतो के अनुसार आप नियमित निवेश योजना को चुन सकते है , नियमित रूप से निकासी योजना को चुन सकते है या समय – समय पर मिलने वाले डिविडेंड को पुनः निवेश करने की योजना को चुन सकते है ! ऐसा लचीलापन शेयर बाजार में निवेशक को नहीं मिलता ! जहाँ तक फण्ड में प्रवेश तथा निकासी की बात है तो वह प्रक्रिया भी बहुत सरल है ! यदि निवेश करना है तो म्यूच्यूअल फण्ड का एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है और यदि यूनिट्स को बाजार में बेचना है तो रिडिम्पसन फॉर्म भरना होता है ! ये दोनों प्रक्रियाये बहुत ही सरल है ! आप यह सब ऑनलाइन भी कर सकते है !
कर – लाभ ( Tax Benefit )
मध्यवर्गीय वेतन भोगियो के लिए टैक्स में बचत के लिए निवेश कई वर्षो से एक ही सांचे में ढला हुआ था ! पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड , एम्प्लोयी प्रोविडेंट फण्ड , पोस्ट ऑफिस बचत योजना जैसी पारम्परिक निवेश योजनाओ में टैक्स बचत के लिए निवेश करने वाले मध्यवर्गीय लोगो को म्यूच्यूअल फण्ड की Equity Linked Saving Scheme के रूप में निवेश का ऐसा विकल्प मिला, जहाँ निवेश करने पर न सिर्फ आयकर की धारा 80C के तहत पूरा कर लाभ मिलता है , बल्कि नौकरी पेशा लोगो को इस स्कीम से अच्छा – खासा रिटर्न भी मिलता है !
कर छुट का लाभ पाने के लिए वर्षो से निवेश के पारम्परिक विकल्पों में निवेश करने वाले वेतनभोगियो को जहाँ प्रतिवर्ष 6 से 8 प्रतिशत की दर से मिलने वाले रिटर्न में ही संतोष कर लेना पड़ता था , वही म्यूच्यूअल फण्ड की इस स्कीम ने लोगो को ऐसा विकल्प मुहैया करवाया , जहाँ कर – लाभ के साथ अनुमानित 15 से 25 प्रतिशत के बिच रिटर्न का ‘फील गुड फेक्टर’ भी जुड़ा है ! इसके अलावा एक और लाभ म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश का यह है कि इससे मिलने वाला डिविडेंड तथा रिटर्न टैक्स फ्री होता है ! यानी उस पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नही देना होता है ! लेकिन यदि आप एक साल से पहले स्कीम से बाहर निकलते है तो आपको short – term कैपिटल गेन टैक्स और एग्जिट लोड देना होगा !
म्यूच्यूअल फण्ड की आमदनी के स्त्रोत (Sources of income of mutual fund )
- शेयर बाजार में या बांड में निवेश कर डिविडेंड या ब्याज का लाभ पाना !
- कीमते बढ़ने पर फण्ड द्वारा सिक्योरिटीज को बेचने से होने वाला लाभ , जिसे ‘कैपिटल गेन’ कहा जाता है , जिसे फण्ड हाउस अपने निवेशको के बीच बाँट देते है ! म्यूच्यूअल फण्ड अपना घटा शुल्क व् व्यय या तो अपने यूनिट होल्डरों में बाँट देता है या उसे अपने NAV की वृद्धि के लिए फण्ड में पुनः निवेश कर देता है परिणामस्वरूप निवेशक को एक और फण्ड से मिलने वाले डिविडेंड द्वारा तथा दूसरी और NAV में वृद्धि के द्वारा आमदनी होती रहती है !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ Mutual Fund Basics In Hindi लेख आपको अच्छा लगा होगा ! अगर इस Mutual Fund Basics In Hindi लेख में आपको Mutual Fund को लेकर कोई भी सवाल मन में है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है !
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I Am Adv. Jagdish Kumawat. Founder of Financeplanhindi.com . Here We Are Share Tax , Finance , Share Market, Insurance Related Articles in Hindi.