बॉन्ड क्या है ? और यह कितने प्रकार के होते है – Bond Kya Hai

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बॉन्ड क्या है ? और यह कितने प्रकार के होते है – Bond Kya Hai

हेल्लो दोस्तों , स्वागत है आपका हमारी एक और नई पोस्ट के साथ ! आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले है  बॉन्ड क्या है ? ( What Is Bond ) , और यह कितने प्रकार के होते है ? ( Types of Bond ) तथा इसको  ख़रीदा कैसे जाता है ? ( Bond Kaise Kharide ) , इन सब बातो को विस्तार से इस लेख में जानेंगे ! तो आइये शुरू करते है Bond Kya Hota Hai / Bond Meaning In Hindi

बॉन्ड क्या है ? और यह कितने प्रकार के होते है – Bond Kya Hai

बॉन्ड क्या क्या है ? ( What Is Bond In Hindi )

जिस प्रकार से आप शेयर बाजार में अपने पैसे निवेश करके शेयर खरीदते है ठीक उसी प्रकार आप किसी कंपनी या सरकार को पैसे उधार देकर बॉन्ड खरीदते है ! अर्थार्त हम कह सकते है कि बॉन्ड एक प्रकार का ऋणपत्र होता है जिसमे निवेशक किसी कंपनी या सरकार को एक निश्चित समय के लिए पैसे उधार देता है ! इसमें आपके द्वारा ख़रीदे गए बॉन्ड पर कितना प्रतिशत ब्याज मिलेगा यह पहले से ही निश्चित होता है या फिर इसमें एक तय फोर्मुले के आधार पर ब्याज दर में बदलाव भी हो सकता है !

किसी कंपनी या सरकार के लिए बॉन्ड वह साधन होता है जिसके जरिये वह निवेशको से अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए फण्ड इकठ्ठा करती है ! बॉन्ड को हिंदी में हम प्रतिभूति या ऋणपत्र भी कहते है !

बॉन्ड के प्रकार ( Types of Bond In Hindi )

भारत में वैसे तो बॉन्ड के बहुत से प्रकार होते है जिनकी अवधि और ब्याज की दर भिन्न – भिन्न होती है ! हम यहाँ बॉन्ड मुख्य रूप से कितने प्रकार के होते है को जानेंगे –

सरकारी बॉन्ड ( Government Bond )

जब भी सरकार को किसी प्रोजेक्ट या अन्य किसी कार्य के लिए पैसे की जरुरत होती है तो वह बॉन्ड जारी करती है और इसके जरिये फण्ड जुटाती है ! यदि बांड में निवेश की दृष्टि से देखे तो सरकरी बॉन्ड सबसे विश्वसनीय और जोखिम रहित माना जाता है ! सरकारी बॉन्ड में अन्य कंपनियों के bond के मुकाबले ब्याज की दर कम होती है , परन्तु इसमें फायदा यह होता है कि आपके पैसे के डूबने की कोई सम्भावना नहीं होती है ! अर्थार्त यह काफी सुरक्षित बॉन्ड माना जाता है !

सरकरी बॉन्ड को ट्रेजरी बॉन्ड भी कहते है ! यह बॉन्ड आमतौर पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है ! सरकारी बॉन्ड को एक तरह से long term अवधि का बॉन्ड भी माना जाता है !

कॉर्पोरेट बॉन्ड ( Corporate Bond )

कॉर्पोरेट बॉन्ड बड़ी – बड़ी कंपनियों या वितीय निगमों द्वारा जारी किया जाता है ! कोई भी वितीय संस्था या निगम द्वारा बॉन्ड को जारी करने का उद्देश्य अपने व्यवसाय को बढ़ाना होता है ! कॉर्पोरेट बॉन्ड में सरकारी बॉन्ड के मुकाबले ब्याज की दर काफी अधिक होती है , परन्तु इसमें अधिक रिस्क भी होता है ! यदि आप कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश करना चाहते है तो आपको कंपनियों के बारे में अच्छी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए , ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे ! अधिक ब्याज दर के लालच में आपको फर्जी कंपनियों से बचना चाहिए !

म्युनिसिपल बॉन्ड ( Municipal Bond )

म्युनिसिपल बॉन्ड भी सरकारी बॉन्ड ही होता है जो स्थानीय क्षेत्र की सरकार जैसे नगर निगम , नगरपालिका आदि द्वारा अपने किसी प्रोजेक्ट जैसे सड़क निर्माण , स्कुल का निर्माण , पुल का निर्माण आदि कार्य हेतु पैसे जुटाने के लिए जारी किया जाता है ! निवेश की दृष्टि से यह एक तरह से सुरक्षित बॉन्ड माना जाता है तथा इसमें ब्याज की दर भी काफी अच्छी रहती है !

हाई – यील्ड बॉन्ड ( High – Yield Bond )

यह बॉन्ड उन निवेशको के लिए अच्छा विकल्प है जो अधिक जोखिम के साथ हाई रिटर्न चाहते है ! इस बॉन्ड की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें आपको अधिक ब्याज दर मिलेगी , परन्तु इसमें जोखिम भी अधिक होती  है ! यह बॉन्ड खासकर उन कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है जो बाजार में नई होती है ,और जिन्हें बाजार में खुद को बनाये रखना होता है !

भारत में बॉन्ड बाजार ( Bond Market In India )

भारत में बॉन्ड बाजार की दो श्रेणियां है –

मुख्य बाजार

मुख्य बाजार में , जिन कंपनियों या संस्थाओ को किसी प्रोजेक्ट के लिए धन की आवश्यकता होती है , वे अपने बॉन्ड को खरीदने के लिए आमतौर पर आम जानता या निवेश बेंको को आमंत्रित करती है ! इस प्रकार के बाजार में बॉन्ड की ब्याह दर और अवधि पहले से निर्धारित होते है !

समर्थक बाजार

समर्थक बाजार वह बाजार होता है जहाँ निवेशक मुख्य बाजार से ख़रीदे हुए बॉन्ड को दुसरे निवेशक को बेचते है ! इस प्रकार के बाजार में बहुत से ब्रोकर काम करते है जो ऐसे लेन – देन की सुविधा देते है !

बॉन्ड कैसे ख़रीदे ( Bond Kaise Kharide )

बॉन्ड को खरीदने के लिए आपका भारतीय नागरिक होना आवश्यक है ! आप अपने नाम से या फिर जॉइंट में भी बॉन्ड को खरीद सकते है ! यदि आप माइनर है तो अपने माता – पिता के नाम से बॉन्ड खरीद सकते है , लेकिन उनका भारतीय नागरिक होना आवश्यक है !

बॉन्ड को आप ऑनलाइन के माध्यम से भी खरीद सकते है या फिर अपने किसी नजदीकी बैंक शाखा में में जाकर भी बॉन्ड खरीद सकते है ! आप जैसे ही बॉन्ड के लिए आवेदन करते है कुछ समय पश्चात् आपको अपने नाम का बॉन्ड प्राप्त हो जायेगा !

बॉन्ड में निवेश के फायदे (Advantages of Investing In Bonds )

  • बॉन्ड के कई प्रकार होते है , आप अपनी पसंद के हिसाब से एक अच्छे बॉन्ड को चुन सकते है !
  • बॉन्ड एक प्रकार का सुरक्षित ऋण माना जाता है , जो बॉन्ड धारक को , बॉन्ड का जारीकर्ता ऋण के बदले एक निश्चित समय में ब्याज दर के साथ मूलधन को चुकाने हेतु प्रतिबद्ध होता है !
  • शेयर बाजार की तुलना में बॉन्ड में अस्थिरता कम होती है इसलिए इसे शेयर्स की अपेक्षा अधिक सुरक्षित निवेश माना जाता है !
  • कुछ बॉन्ड ऐसे होते है जहाँ आपको अपने पैसे की पूरी गारंटी दी जाती है , चाहे कंपनी दिवालिया घोषित ही क्यों न जाए !

बॉन्ड में निवेश के नुकसान ( Disadvantages of Investing In Bonds )

  • बॉन्ड में निवेश का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि यदि कोई कम्पनी दिवालिया घोषित हो जाती है तो आपका पैसा डूब सकता है क्योंकि इसमें कोई गारंटी नहीं होती है !
  • अगर ब्याज दरो में वृद्धि होती है तो बांड्स के बाजार मूल्य में कमी आ जाती है !
  • बांड्स में कई प्रकार की जोखिमे होती है जैसे – कॉल और प्रीपेड जोखिम , क्रेडिट जोखिम , अस्थिरता जोखिम , घटना जोखिम आदि !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ Bond Kya Hai और इसके कितने प्रकार होते है Types of Bond लेख आपको अच्छा लगा होगा ! अगर यह लेख आपको अच्छा लगा है तो प्लीज इसे शेयर जरुर करे !

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