What Is IPO In Hindi – आईपीओ क्या है और इसमें निवेश कैसे होता है
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी एक और नई पोस्ट के साथ ! जो व्यक्ति शेयर बाजार का थोडा बहुत नोलेज रखते है वह आईपीओ के बारे में जरुर जानते होंगे ! यदि आप शेयर बाजार में निवेश कर पैसा कमाना चाहते है तो आपको आईपीओ के बारे में जरुर जान लेना चाहिए ! आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आईपीओ क्या है ? ( What Is IPO ) , आईपीओ कितने प्रकार के होते है ? (Types of IPO ) तथा इसमें निवेश कैसे होता है ? ( How to Invest In IPO ) ! तो आइये शुरू करते है
आईपीओ क्या है ? ( What Is IPO In Hindi )
Contents
IPO की Full Form होती है – Initial Public Offering अर्थार्त जानता के माध्यम से पूंजी जुटाना ! आईपीओ के माध्यम से कंपनियां अपने आपको लिस्टेड कराकर अपने शेयर्स निवेशको को बेचने का प्रस्ताव लाती है ! जब भी कोई कंपनी पहली बार आम लोगो से धन जुटाना चाहती है तो वह ऐसा IPO के माध्यम से ही कर सकती है ! आईपीओ लाने का मुख्य उद्देश्य कम्पनी का यह होता है कि वह एक तो अपने आप को शेयर बाजार में लिस्टेड करा लेती है दूसरी और आईपीओ के माध्यम से अपने बिजनेस को बढ़ाने हेतु जानता से पैसे भी इकठ्ठा कर लेती है ! किसी भी कंपनी का आईपीओ आने के बाद हम उस कंपनी के shares को शेयर बाजार में खरीद और बेच सकते है !
आईपीओ के प्रकार ( Types of IPO )
IPO को दो प्रकार से बांटा जा सकता है और इसे दो भागो में बाँटने का कारण उसकी कीमतों का निर्धारण होता है ! इसके दो प्रकार है –
Fix Price IPO
इसे Fix Price Issue भी कहा जाता है ! जब भी कोई कम्पनी आईपीओ जारी करती है तो सबसे पहले वह इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ मिलकर अपने IPO की प्राइस के बारे में चर्चा करती है और मीटिंग में चर्चा के बाद उस आईपीओ का एक फिक्स मूल्य निर्धारित कर दिया जाता है ! अब उस निर्धारित मूल्य पर ही कोई भी निवेशक उस कंपनी का आईपीओ खरीद सकता है !
Book Building IPO
इस प्रकार के आईपीओ में कम्पनी इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ मिलकर अपने आईपीओ का Price Band निर्धारित करती है ! जब आईपीओ की प्राइस बैंड निर्धारित हो जाती है उसके बाद ही इसे जारी किया जाता है ! इसके बाद निर्धारित किये गये प्राइस बैंड में से इन्वेस्टर अपनी बिड सब्सक्राइब करते है !
इस प्रकार के आईपीओ में प्राइस बैंड दो तरह के होते है
- प्राइस बैंड में अगर आईपीओ का प्राइस कम है तो फ्लोर प्राइस ( Floor Price ) कहते है !
- अगर आईपीओ का प्राइस ज्यादा है तो इसे कैप प्राइस ( Cap Price ) कहते है !
इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि बुक बिल्डिंग आईपीओ में cap price और floor price में 20 प्रतिशत का अंतर रखा जा सकता है !
आईपीओ में निवेश कैसे करे ( How to Invest IPO In Hindi )
अगर हमें शेयर बाजार में भविष्य बनाना है तो हमें आईपीओ की जानकरी जरुर होनी चाहिए ! वैसे तो आईपीओ को एक जोखिम भरा निवेश माना गया है , क्योंकि इसमें कंपनी के शेयरों के प्रगति से सम्बन्धित कोई आंकड़े या जानकारी आम लोगो के पास नहीं होती है ! फिर भी जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए आईपीओ निवेश का एक बेहतर विकल्प है ! लेकिन इसके लिए हमें कंपनी के बारे में इन्टरनेट पर जरुर देख लेना चाहिए ! आजकल बहुत सारी वेबसाइट है जो आने वाले आईपीओ की सारी जानकारी उपलब्ध करवाती है और कुछ वेबसाइट है जो आईपीओ के बारे में लोगो का रुझान भी बताती है !
जो निवेशक किसी कंपनी का आईपीओ खरीदना चाहते है तो सबसे पहले उसे कुछ बातो का विशेष ध्यान रखना होगा ! जैसे कि वो जिस ब्रोकर के साथ काम करना चाहते है वह अच्छा होना चाहिए , उसे शेयर बाजार के सम्बन्ध में हर चीज का ज्ञान होना चाहिए ! जो भी कंपनी आप चुन रहे है उसका अच्छे से अन्य कंपनियों के साथ विश्लेषण जरुर करे !
आईपीओ में निवेश कौन कर सकता है ? (Who can invest in an IPO )
आईपीओ में कोई भी स्वस्थ मस्तिष्क वाला व्यक्ति निवेश कर सकता है चाहे वह व्यस्क हो या अवयस्क ! यदि आप आईपीओ में दो लाख रूपये तक निवेश करना चाहते है तो ऐसा आप रिटेल निवेशक के रूप में कर सकते है ! आपके पास अगर पैन कार्ड , बैंक अकाउंट और डीमेट अकाउंट है तो आप किसी भी कंपनी के आईपीओ में निवेश करने के योग्य माने जाते है ! आप चाहे तो कंपनी के शेयर्स को एक सर्टिफिकेट के रूप में अपने पास रख सकते है या अगर आप चाहे तो डीमेट अकाउंट में भी ट्रान्सफर कर सकते है !
IPO लाने के कारण
कंपनी के विस्तार के लिए
जब भी किसी कंपनी को अपना बिजनेस बढ़ाना होता है या फिर अन्य शहरो में कंपनी का विस्तार करना चाहती है तो वह आईपीओ के माध्यम से फण्ड जुटाना अधिक अच्छा मानती है ! क्योंकि उसे आईपीओ से मिले फण्ड से किसी को कोई ब्याज या लौटने की जरुरत नहीं होती है वही अगर वह किसी बैंक से लोन लेती है तो उसे ब्याज भी देना होता है और पैसे भी वापस लौटने होते है ! और इसमें निवेशक का भी फायदा यह होता है कि वह आईपीओ के माध्यम से जितने प्रतिशत शेयर खरीदता है उतने प्रतिशत का वह उस कंपनी का मालिक बन जाता है !
कर्ज चुकाने के लिए
जब किसी कम्पनी पर अधिक कर्ज हो जाता है तो वह उसे चुकाने के लिए आईपीओ जारी करती है ! इससे कंपनी को फायदा यह होता है कि उसे अपने कर्ज को कम करने के लिए फण्ड भी मिल जाता है और नये इन्वेस्टर भी मिल जाते है !
किसी नए उत्पाद या सर्विस के लॉन्च के लिए
किसी कंपनी द्वारा आईपीओ जारी करने की एक और वजह यह होती है कि वह आईपीओ से मिले फण्ड के द्वारा किसी नये प्रोडक्ट या सर्विस को लॉन्च कर सकती है ! नये प्रोडक्ट या सर्विस को लॉन्च करने में कंपनी को अधिक धन की आवश्यकता होती है तो वह आईपीओ लाना अधिक अच्छा विकल्प मानती है !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि हमारा यह लेख What Is IPO In Hindi लेख आपको जरुर पसंद आया होगा ! अगर हमारा यह लेख How to Invest IPO In Hindi आपको अच्छा लगा है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के शेयर जरुर करे !
FAQs :
Q : आईपीओन क्या होता है ?
Ans : IPO की Full Form होती है – Initial Public Offering अर्थार्त जानता के माध्यम से पूंजी जुटाना ! आईपीओ के माध्यम से कंपनियां अपने आपको लिस्टेड कराकर अपने शेयर्स निवेशको को बेचने का प्रस्ताव लाती है !
Q : IPO कैसे ख़रीदे और बेचे ?
Ans : आप किसी भी ब्रोकर के मध्यम से demat अकाउंट खुलवाकर आईपीओ खरीद और बेच सकते है !
Q : आईपीओ अच्छा है या बुरा ?
Ans : आईपीओ के जरिये आप एक अच्छी कम्पनी में हिस्सदेरी पा सकते है ! आईपीओ के जरिये आप तेजी से लाभ प्राप्त कर सकते है !
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