स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे | Swing Trading In Hindi
Swing Trading Strategy In Hindi : हे दोस्तों जैसा की आप जानते है ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है , लोग अलग – अलग तरह से ट्रेडिंग करके लाखो रूपये कमाते है ! Swing Trading भी ट्रेडिंग का एक प्रकार है ! स्विंग ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग जितना जोखिम नहीं होता है ! इसमें आपको किसी स्टॉक को कम से कम एक दिन से लेकर लगभग 1 महीने या इससे अधिक समय तक होल्ड रखना होता है ! स्विंग ट्रेडिंग में किसी स्टॉक में कम समय में होने वाले मूवमेंट का फायदा उठाया जाता है !
दोस्तों अगर आप swing trading kya hai और swing trading kaise kare के बारे में जानना और सीखना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े ! इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको स्विंग ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है ! तो आइये शुरू करते है Swing Trading In Hindi
स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे | Swing Trading In Hindi
Contents
- 1 स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे | Swing Trading In Hindi
- 1.1 स्विंग ट्रेडिंग क्या है ( What Is Swing Trading )
- 1.2 स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ( Swing Trading Strategy )
- 1.3 स्विंग ट्रेडिंग में टाइम फ्रेम ( Swing Trading Time Frame )
- 1.4 स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक कैसे चुने ( Swing Trading Stock )
- 1.5 स्विंग ट्रेडिंग के फायदे ( Benefits of Swing Trading )
- 1.6 स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान ( Disadvantages of Swing Trading )
- 1.7 स्विंग ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण टिप्स ( Swing Trading Tips )
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे के बारे में जानने से पहले हम यह जान लेते है कि आखिर स्विंग ट्रेडिंग होती क्या है !
स्विंग ट्रेडिंग क्या है ( What Is Swing Trading )
स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से अलग , क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ही दिन के भीतर किसी स्टॉक को ख़रीदा और बेचा जाता है ! जबकि स्विंग ट्रेडिंग में ऐसा नहीं है ! स्विंग ट्रेडिंग में हम टेक्नीकल और फंडामेंटल एनालिसिस करके किसी स्टॉक को कम से कम एक दिन से लेकर एक सप्ताह , 15 दिन या फिर एक महीने या उससे भी अधिक अवधि के लिए होल्ड रखकर बेचा जाता है !
स्विंग ट्रेडिंग में किसी स्टॉक में होने वाले शोर्ट मूवमेंट का फायदा उठाया जाता है ! अमूमन इस प्रकार की ट्रेडिंग चार्ट में ब्रेकआउट या फिर मूविंग एवरेज के सहारे की जाती है ! जिन लोगो के पास अधिक कैपिटल होती है और अधिक रिस्क नहीं लेना चाहते है उनके लिए swing trading एक बेहतर स्टाइल है ! स्विंग ट्रेडिंग से आप मार्केट का सही से एनालिसिस करते है तो हर महीने आप अपनी कैपिटल को 15 से 20 प्रतिशत तक ग्रो कर सकते है ! जो लोग शेयर मार्केट में नए है उनको मेरी सलाह है कि वे अपनी ट्रेडिंग की शुरुआत स्विंग ट्रेडिंग के जरिये करे !
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ( Swing Trading Strategy )
स्विंग ट्रेडिंग में अलग – अलग ट्रेडर्स की अपनी अलग – अलग स्ट्रेटेजी होती है ! कोई चार्ट पैटर्न के हिसाब से ट्रेडिंग करता है तो कोई इंडिकेटर की सहायता से स्विंग ट्रैड करता है ! आइये जानते है आप किस तरह से स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है –
सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस ( Support and Resistance )
स्विंग ट्रेडिंग हो या फिर अन्य प्रकार की ट्रेडिंग उसमे support and resistance का काफी ज्यादा महत्व है ! किसी स्टॉक में सपोर्ट का मतलब है कि उस स्टॉक का प्राइस निचे कहाँ तक जा सकता है और रेजिस्टेंस से मतलब है कि किसी स्टॉक का प्राइस ऊपर कहा तक जा सकता है !
किसी स्टॉक का जहाँ सपोर्ट होता है वह उसका सहारा लेकर वापस ऊपर की तरफ चला जाता है क्योंकि सपोर्ट पर लोग अधिक खरीददारी करते है जिससे वे उस शेयर के प्राइस को और अधिक निचे नहीं जाने देते है ! वही कोई स्टॉक अगर अपने रेजिस्टेंस लेवल पर पहुँच जाता है तो उसकी पूरी सम्भावना है कि वह वहां से निचे आना शुरू कर देता है क्योंकि जिन लोगो ने उस स्टॉक को खरीद रखा है वे उसे बेचना शुरू कर देते है , जिससे वह शेयर अधिक ऊपर नहीं जा पाता है !
मूविंग एवरेज ( Moving Average )
मूविंग एवरेज एक प्रकार को इंडिकेटर होता है जिसका उपयोग करके लोग स्विंग ट्रेडिंग करते है ! कुछ लोग Exponential Moving Average ( EMA ) का इस्तेमाल करते है तो कुछ लोग Simple Moving Average ( SMA ) का इस्तेमाल करते है !
मूविंग एवरेज प्राइस जो मूव करता है उसका औसत होता है ! जैसे कि 7 , 21 , 50 , 100 और 200 दिन का मूविंग एवरेज !
अगर मार्केट अपट्रेंड या डाउन ट्रेंड में है तो आप मूविंग एवरेज की सहायता से स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है ! इसमें आप 7 दिन , 21 दिन या फिर 50 दिन के मूविंग एवरेज को अपना सकते है !
अगर हम 50 और 200 दिन की मूविंग एवरेज का इस्तेमाल करते है तो ऊपर आप चार्ट में देख सकते है कि जैसे ही 50 SMA , 200 SMA को ऊपर क्रॉस करता है तो आप उस स्टॉक को खरीद सकते है और अगर 50 SMA , 200 SMA को ऊपर से निचे काटता है तब आप स्टॉक को बेच सकते है !
चैनल ट्रेडिंग ( Channel Trading )
जो ट्रेडर मार्केट के ट्रेंड के साथ चलते है और ट्रेड करते है वे अक्सर चैनल ट्रेडिंग इंडिकेटर का इस्तेमाल करते है ! चैनल ट्रेडिंग में जब किसी स्टॉक का प्राइस चैनल को ऊपर या फिर निचे ब्रेक करता है तब उसमे पोजीशन ली जाती है !
इसके अलावा आप स्विंग ट्रेडिंग में MACD . बोलिंजर बैंड आदि इंडिकेटर का भी इस्तेमाल कर सकते है !
स्विंग ट्रेडिंग में टाइम फ्रेम ( Swing Trading Time Frame )
अगर आप एक स्विंग ट्रेडर है तो आपको अपने चार्ट में ट्रेडिंग के दौरान 1 घंटे या फिर 2 घंटे के टाइम फ्रेम पर ही ट्रेडिंग करनी चाहिए ! किसी स्टॉक को खरीदने से पहले आपको उसकी एनालिसिस के लिए आप 1 दिन या फिर एक सप्ताह की टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करना चाहिए !
स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक कैसे चुने ( Swing Trading Stock )
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको हमेशा ऐसे स्टॉक का चयन करना चाहिए जिस स्टॉक में हाई वोलाटिलिटी हो , साथ में उसका वॉल्यूम भी अधिक होना चाहिए अर्थात उस स्टॉक में अधिक से अधिक लोग ट्रेड करते हो ! साथ ही आप जिस कम्पनी का स्टॉक ले रहे हो उसका फंडामेंटल अच्छे होने चाहिए !
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे ( Benefits of Swing Trading )
- स्विंग ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में रिस्क बहुत कम है !
- स्विंग ट्रेडिंग में आप अपने स्टॉक को सप्ताह ,मासिक या फिर सालभर के लिए होल्ड करके रख सकते है !
- स्विंग ट्रेडिंग करके आप हर महीने अपनी कैपिटल को 10 से 15 प्रतिशत ग्रो कर सकते है !
- स्विंग ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग की तरह पुरे समय चार्ट देखने की आवश्यकता नहीं होती है !
- स्विंग ट्रेडिंग में आप किसी स्टॉक में होने वाले शोर्ट मूवमेंट का फायदा उठा सकते है !
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान ( Disadvantages of Swing Trading )
- स्विंग ट्रेडिंग के लिए टेक्नीकल और फंडामेंटल एनालिसिस का ज्ञान होना जरुरी है !
- कम समय के लिए ट्रेड करने से आप इसमें बड़ा मुनाफा नहीं कमा सकते है , इसके लिए आपके पास बड़ी कैपिटल होना जरुरी है !
- स्विंग ट्रेडिंग में ओवरनाइट रिस्क भी होता है !
- कभी – कभी मार्केट गैपडाउन खुलने की वजह से आपको अधिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है !
स्विंग ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण टिप्स ( Swing Trading Tips )
- स्विंग ट्रेडिंग हमेशा टेक्नीकल और फंडामेंटल एनालिसिस करके ही करनी चाहिए !
- मार्केट में खबर या किसी टिप के आधार पर ट्रेड ना करे , क्योंकि कोई भी खबर केवल उस स्टॉक पर शोर्ट टर्म के लिए ही असर डाल सकती है !
- जिस भी कम्पनी का स्टॉक ख़रीदे उस स्टॉक की प्राइस को हमेशा नजर में रखे !
- हाई वॉल्यूम वाले शेयर में ही ट्रेडिंग करे !
- स्माल कैप वाली कम्पनियों में स्विंग ट्रेडिंग करने से बचना चाहिए !
- ट्रेडिंग के दौरान स्टॉप लोस का पालन अवश्य करे !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ Swing Trading In Hindi आर्टिकल में आप स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जान गए होंगे ! अगर हमारा यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे !
FAQs :
Q : स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?
Ans : अगर हम किसी स्टॉक में एक दिन से लेकर एक महीने या फिर उससे अधिक समय के लिए ट्रैड करते है तो वह स्विंग ट्रेडिंग कहलाती है !
Q : स्विंग ट्रेडिंग के लिए कोनसा टाइम फ्रेम चुने ?
Ans : स्विंग ट्रेडिंग के लिए 1 घंटे या फिर 2 घंटे के टाइम फ्रेम का चयन करना सही रहता है !
Q : स्विंग ट्रेडिंग में हम कितने प्रतिशत रिटर्न की अपेक्षा कर सकते है ?
Ans : 5 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक
Q : स्विंग ट्रेडिंग कितने दिनों के लिए किया जाता है ?
Ans : स्विंग ट्रेडिंग में आमतौर पर लोग दो दिन से लेकर कई सप्ताह तक ट्रेडिंग करते है !
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