Risk Reward Ratio In Intraday Trading In Hindi | रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो एंड मैनेजमेंट कैसे करे
दोस्तों आज के समय में ऐसे बहुत से ट्रेडर है जो अपनी मनी का सही से Risk Reward Ratio and Management नहीं कर पाते है जिससे वे अभी तक एक सफलतम ट्रेडर नहीं बन पाए है ! मनी मैनेजमेंट की तरह ही ट्रेडिंग में , चाहे वह इंट्राडे हो या फिर आप्शन ट्रेडिंग रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो कितना रखना है और रिस्क मैनेजमेंट कैसे करना है यह बहुत ही महत्वपूर्ण है ! बिना रिस्क मैनेजमेंट के आप एक प्रॉफिटेबल ट्रेडर नहीं बन सकते ! आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे हम ट्रेडिंग में Risk Reward Ratio and Management करके एक सफल ट्रेडर बन सकते है ! तो आइये शुरू करते है Risk Reward Ratio In Intraday Trading In Hindi
Risk Reward Ratio In Intraday Trading In Hindi | रिस्क रिवॉर्ड एंड मैनेजमेंट कैसे करे
Contents
ट्रेडिंग के दौरान हमें कितना रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो रखना चाहिए , उसके बारे में जानने से पहले हम यह जान लेते है कि रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो तथा रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है –
रिस्क मैनेजमेंट क्या है ( What Is Risk Management )
एक सफल ट्रेडर वही बन सकता है जो अपने रिस्क को मेनेज करना जानता है ! ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट वह है , जहाँ आप यह निर्णय लेते है कि हमें प्रॉफिट के अनुपात में लोस कितना रखना है ! अगर किसी दिन लोस हो जाता है तो एक अच्छे ट्रेडर को यह पता होता है कि आज उसे अधिकतम कितना लोस लेना है !
देखा जाये तो ट्रेडिंग में हमें अपनी कैपिटल का 2 प्रतिशत से अधिक लोस नहीं लेना चाहिए ! अगर किसी दिन आपको 2 प्रतिशत या इससे अधिक लोस हो जाता है तो आपको उस दिन ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए !
रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो क्या है ( What Is Good Risk Reward Ratio )
रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो एक ऐसा पेरामीटर है जिसमे ट्रेडर , किसी ट्रेड को लेने से पहले यह तय करता है कि उसे रिवॉर्ड के अनुपात में लोस कितना रखना है ! जैसे की यदि आप किसी ट्रेड में 1000 रूपये कमाने का लक्ष्य रखते है और उसके बदले में 500 रूपये का रिस्क भी उठाने को तैयार रहते है तो यह 1 : 2 रिवॉर्ड रेश्यो कहलाता है !
वही यदि आप 1500 रूपये प्रॉफिट कमाने के बदले 500 रूपये का लोस लेने को तैयार है तो यह 1 : 3 र्वार्ड रेश्यो कहलाता है ! अगर आपको एक प्रॉफिटेबल ट्रेडर बनना है तो हमेशा आपको 1 : 2 या फिर 1 : 3 रिवॉर्ड रेश्यो रखना चाहिए !
मान लीजिये आप 1 : 2 रिवॉर्ड रेश्यो रखते है जिसमे आप 1000 रूपये मुनाफे के बदले 500 का लोस लेने को तैयार रहते है ! अगर आप यह रेश्यो मेन्टेन करते है तो 10 में से अगर आप 4 ट्रेड में भी प्रॉफिट कमाएंगे तो आप ओवरआल प्रॉफिट में ही रहेंगे !
रिस्क मैनेजमेंट टिप्स ( Risk Management Tips )
- जब भी आप इंट्राडे या फिर आप्शन ट्रेड करे तो इस बात का ध्यान रखे की आपको अपनी पूरी कैपिटल से ट्रेड नहीं करनी है अर्थात आपको अपनी पोजीशन साइजिंग का ध्यान रखना है ! हो सके तो अपनी पूरी कैपिटल का 10 प्रतिशत ही उपयोग करे !
- ट्रेडिंग के दौरान स्टॉप लोस जरुर लगाये , अन्यथा आप अपनी पूरी कैपिटल को गँवा सकते है !
- एक बार में आपको उतना ही लोस लेना चाहिए जितना आप सहन कर सके तथा रात को आप चेन से सो सके !
- कुछ लोग ऐसे होते है जो ओवर ट्रेडिंग करके अपने सुबह के प्रॉफिट को लोस में कन्वर्ट कर लेते है , जो की सही नहीं है ! आपको हमेशा ओवर ट्रेडिंग से बचना चाहिए !
- ट्रेडिंग में रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो जरुर मेन्टेन करे !
- हमेशा वास्तविक लाभ की अपेक्षा रखे ! कुछ लोग अच्छा खासा प्रॉफिट होने के बाद भी इस लालच में ट्रेड से एग्जिट नहीं कर पाते है कि अभी उनका प्रॉफिट और बढेगा , और अंत में वे लोस कर बैठते है ! इसलिए हमेशा वास्तविक लाभ की अपेक्षा रखे !
FAQs :
Q : रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो क्या है ?
Ans : रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो एक ऐसा पेरामीटर है जिसमे कोई ट्रेडर ट्रेड लेने से पहले यह तय करता है कि उसे अमुक ट्रेड में प्रॉफिट के अनुपात में कितना लोस रखना है !
Q : रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो कितना होना चाहिए ?
Ans : 1 : 2 तथा 1 : 3 रिवॉर्ड रेश्यो सही रहता है !
Q : ट्रेडिंग में रिस्क कितना होना चाहिए ?
Ans : आपको अपनी कैपिटल का 2 प्रतिशत तक ही रिस्क लेना चाहिए !
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