शेयर बाजार में मार्जिन ट्रेडिंग क्या है ? Margin Trading Meaning In Hindi
दोस्तों यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते है तो Margin Trading के बारे जरुर जानते होंगे ! यदि नहीं जानते है तो आज की इस पोस्ट में हम इसी टॉपिक पर बात करने वाले है कि Margin Trading Kya Hai और इसका उपयोग करके कैसे हम अच्छा मुनाफा कमा सकते है ! तो आइये शुरू करते है Margin Trading Meaning In Hindi
शेयर बाजार में मार्जिन ट्रेडिंग क्या है ? Margin Trading Meaning In Hindi
Contents
मार्जिन ट्रेडिंग का अर्थ है आपके दलाल से उधार ली गई धनराशी का उपयोग करके स्टॉक खरीदने और बेचने का ! मार्जिन ट्रेडिंग अनिवार्य रूप से आपके ब्रोकर या ब्रोकरेज हाउस से पैसे उधार लेने से स्टॉक खरीदने की एक विधि है ! यह एक लाभकारी तंत्र है जो आपको अपने स्वयं के संसाधनों के मुकाबले अधिक मूल्य से बाजार में पोजीशन लेने की अनुमति देता है ! हालाँकि , मार्जिन ट्रेडिंग के लिए , आपको एक मार्जिन अकाउंट की जरुरत है !
साधारण शब्दों में हम कह सकते है कि मार्जिन ट्रेडिंग , किसी ब्रोकर कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाई गई एक ऐसी सुविधा है जिसमे हमें ब्रोकर कंपनी ट्रेडिंग के लिए फंड प्रदान करती है ! यह सुविधा हमें सिर्फ intraday ट्रेडिंग करने पर ही प्राप्त होती है !
मान लीजिये आपके पास 10 हजार रूपये है और आप टाटा के शेयर खरीदना चाहते है जिसके एक शेयर की कीमत 100 रूपये है ! तो ऐसी स्थिति में आपको सिर्फ 100 शेयर ही मिलेंगे ! यदि आप मार्जिन का लाभ लेना चाहते है तो आपको 10 टाइम ( 10 गुना ) का मार्जिन ब्रोकर कंपनी देती है ! ऐसी स्थिति में अब आप 10 हजार रूपये की जगह एक लाख रूपये के एक हजार शेयर खरीद सकते है !
इस प्रकार आप Margin Trading का लाभ उठाकर कम पैसे में भी अधिक शेयर खरीद सकते है और अच्छा पैसा कमा सकते है !
अब बहुत से लोग यह सोचते होंगे की आखिर ब्रोकर हमें मार्जिन की सुविधा क्यों देते है ? ब्रोकर हमें मार्जिन की सुविधा इसलिए देते है क्योंकि वह प्रत्येक ग्राहक से प्रति शेयर पर 1 प्रतिशत तक का कमीशन लेती है ! इसलिए जो ग्राहक ज्यादा शेयर खरीदेगा , ब्रोकर कंपनी को अधिक कमीशन मिलेगा !
ब्रोकर की भूमिका
हर ब्रोकर के पास ग्राहकों के लिए मार्जिन खाते खोलने का अधिकार नहीं है ! कम से कम 3 करोड़ की नेट वर्थ के साथ ब्रोकरेज घर ही इसका सही आनंद उठाते है !
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट प्रारूप के अनुसार ग्राहक के साथ मार्जिन ट्रेडिंग समझोते में प्रवेश करने के लिए दलाल की जिम्मेदारी है !
व्यापारी की भूमिका
भारत में एक इक्विटी व्यापारी ब्रोकरेज हाउस से कुल लेनदेन मान के 50 प्रतिशत तक उधार लेने का अधिकार प्राप्त करता है ! हालाँकि इस तरह के लेनदेन में शामिल होने से पहले , व्यापारी को दलाल के साथ आवश्यक राशी ( कम से कम 50 प्रतिशत मूल्य ) जमा करनी होगी !
एक व्यापारी जो दलाल द्वारा प्रदान किये गए ऋण पर स्टॉक खरीदता है वह तब ऋण रख सकता है जब तक वह इसका ईरादा रखता है लेकिन यह एक कीमत पर आता है !
ब्याज पर ऋण की राशी पर चार्ज किया जाता है और यह तब तक जमा रहता है जब तक की व्यापारी इस राशी को पूर्ण रूप से नहीं चुकाता !
Margin Trading Kaise Kare ?
मार्जिन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक Demat Account और साथ ही Trading Account का होना जरुरी है ! आपको अपने डीमेट खाते में पैसे डालने होंगे उसके बाद आपको अपने ब्रोकर से यह जान लेना चाहिए कि वह हमें intraday ट्रेडिंग में कितना मार्जिन देगा , उस हिसाब से फिर आपको शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करनी चाहिए !
क्या Margin Trading सही है ?
जो लोग शेयर बाजार में निवेश करते है उनके मन में यह सवाल जरुर आता होगा कि क्या किसी ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करना सही है या फिर गलत !
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दू , यदि आप शेयर मार्केट में निवेश पूरी जानकरी और विश्लेषण करके निवेश करते है तो मार्जिन ट्रेडिंग का लाभ लेकर आप अच्छा पैसा कमा सकते है ! वही यदि आपको शेयर मार्केट के बार में कोई नोलेज नहीं है तो इससे आप अपने मूल रूपये भी गंवा सकते है ! इसलिए यह बेहद जरुरी है कि जब भी आप किसी कंपनी में निवेश करे उसके बारे में पूरी जानकारी लेकर ही निवेश करना चाहिए !
Related Post :
- बुल और बियर क्या है !
- आईपीओ ( IPO ) में निवेश कैसे करे ?
- निवेश Portfolio बनाते समय ध्यान देने योग्य बाते !
- शेयर बायबैक क्या है ?
I Am Adv. Jagdish Kumawat. Founder of Financeplanhindi.com . Here We Are Share Tax , Finance , Share Market, Insurance Related Articles in Hindi.