Best Positional Trading Strategy In Hindi | Positional Trading कैसे करे

Best Positional Trading Strategy

Positional Trading Strategy In Hindi | Positional Trading कैसे करे

शेयर बाजार में लोग अलग – अलग प्रकार से ट्रेडिंग करके पैसे कमाते है ! पोजिशनल ट्रेडिंग भी ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसमे ट्रेडर थोड़े लॉन्ग टाइम के लिए अपनी पोजीशन को होल्ड रखता है और सही समय पर अपने स्टॉक को बेचकर मुनाफा कमाता है ! यह इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग से थोडा कम रिस्की है , क्योंकि इसमें आपके पास काफी ज्यादा समय होता है , जिससे आप सही समय पर अपनी ट्रेड से निकल सकते है ! अगर आप नहीं जानते है कि Positional Trading Kya Hai और Positional Trading Kaise Kare तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े ! तो आइये शुरू करते है Positional Trading Strategy In Hindi

पोजिशनल ट्रेडिंग कैसे करे | Best Positional Trading Strategy In Hindi

पोजिशनल ट्रेडिंग कैसे के बारे में जानने से पहले हम यह जान लेते है कि आखिर पोजिशनल ट्रेडिंग क्या होती है और यह इंट्राडे ट्रेडिंग , स्विंग ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग से अलग क्यों है !

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है ( Positional Trading Meaning In Hindi )

पोजीशनल ट्रेडिंग का अर्थ है किसी स्टॉक को लम्बे समय तक होल्ड रखना और सही प्राइस मिलने पर उसे बेचकर मुनाफा कमाना ! इस प्रकार की ट्रेडिंग में आप किसी स्टॉक को एक हफ्ते , महीने या फिर एल साल तक भी होल्ड करके रख सकते है और सही समय पर उसे बेच सकते है !

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये आपने किसी स्टॉक को ख़रीदा है जिसका प्राइस अभी 500 रूपये है और आपको लगता है कि यह 550 रूपये तक आने वाले 5 से 6 महीने में जा सकता है ! जब आप 5 से 6 महीने तक इसे होल्ड रखकर बेचते है तो इस प्रकार की ट्रेडिंग को ही Best Positional Trading कहते है !

पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए सही टाइम फ्रेम ( Positional Trading Time Frame )

अगर आप एक पोजिशनल ट्रेडर है तो आपके लिए चार्ट पर सही टाइम फ्रेम काफी ज्यादा महत्व रखता है ! यदि आप एक महीने के भीतर ही किसी स्टॉक को Buy करके Sell करते है तो पहले आपको चार्ट पर साप्ताहिक आधार पर लेवल्स निकाल लेने है ,उचित सपोर्ट और रेजिस्टेंस देख लेना है , उसके बाद आप 1 डे टाइम फ्रेम चार्ट को ही मोनिटर करे !

यदि आप 6 महीने से लेकर 12 महीने तक अपनी पोजीशन को होल्ड रखते है तो इसके लिए आप लेवल्स निकालने के लिए monthely चार्ट को देख सकते है , उसके बाद weekely चार्ट पर अपनी नजर रख सकते है !

पोजिशनल ट्रेडिंग कैसे करे ( Positional Trading Strategy )

फंडामेंटल एनालिसिस करे

अगर आप पोजिशनल ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको फंडामेंटल एनालिसिस करना आना चाहिए ! आपको करना यह है कि जिस भी कम्पनी का आप स्टॉक खरीदना चाहते है उसके बारे में पहले अच्छी तरह से जान ले ! आपको उस स्टॉक के फंडामेंटल एनालिसिस में यह देखना है कि उस कपनी की वित्तीय दशा कैसी है , कम्पनी की ग्रोथ रेट क्या है ! यह सब आप उस कम्पनी की balance sheet , p & l अकाउंट , PE रेशियो आदि से पता कर सकते है !

टेक्नीकल एनालिसिस करे

अगर आप शोर्ट टर्म के लिए अपनी पोजीशन को होल्ड रखते है तो इसके लिए आपको थोडा टेक्नीकल एनालिसिस भी करना होगा ! टेक्नीकल एनालिसिस में आप सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस तथा ब्रेकआउट पर अपनी पोजीशन बना सकते है ! टेक्नीकल एनालिसिस में आप चार्ट को अच्छी तरह से समझ कर ट्रेड कर सकते है !

ट्रेंड के साथ ट्रेड करे

एक अच्छा ट्रेडर वही है जो हमेशा ट्रेंड के साथ ट्रेडिंग करता है ! आपको भी चार्ट पर लम्बे टाइम फ्रेम पर एनालिसिस करके यह देख लेना है कि उस स्टॉक का ट्रेंड अप है या डाउन ! ट्रेंड के साथ ट्रेड करने का फायदा यह होता है कि आप इसमें ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते है !

स्टॉप लोस जरुर लगाये

ट्रेडिंग में स्टॉप लोस लगाना बहुत ही ज्यादा जरुरी है अन्यथा आप अपनी कैपिटल भी गँवा सकते है ! जिस प्रकार से आप अपना टारगेट प्राइस सेट करते है उसी तरह से आपको एक उचित स्टॉप लोस भी ढूँढना है और हमेशा उसे फॉलो करना है ! स्टॉप लोस का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह आपको भारी नुकसान होने से बचा लेता है !

इंडिकेटर की सहायता

पोजिशनल ट्रेडिंग में आप चाहे तो विभिन्न प्रकार के इंडिकेटर की मदद भी ले सकते है , इसके लिए आपको इंडिकेटर का नोलेज होना जरुरी है ! इंडिकेटर में आप 50 day EMA या फिर 200 day EMA के हिसाब से ट्रेडिंग कर सकते है ! इसके अलावा आप और भी इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते है !

पोजिशनल ट्रेडिंग तथा इंट्राडे ट्रेडिंग में अंतर

इंट्राडे ट्रेडिंग काफी ज्यादा रिस्की ट्रेडिंग है ! इसमें आपको पुरे दिन स्क्रीन के सामने बैठकर मार्केट पर नजर रखनी पड़ती है ! साथ ही इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको किसी भी स्टॉक को खरीदकर उसी दिन बेचना होता है चाहे उसमे लोस हो रहा हो या फिर प्रॉफिट ! जबकि पोजिशनल ट्रेडिंग थोडा कम रिस्की है ! इसमें आप अपनी पोजीशन को एक दिन से लेकर एक सप्ताह , एक महिना या फिर एक साल के लिए भी होल्ड रख सकते है और सही समय पर बेचकर मुनाफा कमा सकते है !

पोजिशनल ट्रेडिंग को आप पार्ट टाइम के तौर पर भी कर सकते है , क्योंकि इसमें पुरे दिन स्क्रीन के सामने बेठा नहीं रहना पड़ता है ! खरीदने और बेचने के लिए आपको काफी ज्यादा समय मिलता है !

पोजिशनल ट्रेडिंग तथा स्विंग ट्रेडिंग में अंतर

स्विंग ट्रेडिंग में आप किसी स्टॉक को एक दिन से लेकर एक सप्ताह या फिर एक महीने के लिए होल्ड करके रखते है ! स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग में लगभग एक समान ही इंडिकेटर और टाइम फ्रेम का इस्तेमाल किया जाता है ! स्विंग ट्रेडिंग में आपको चार्ट में 1 दिन के टाइम फ्रेम पर नजर रखनी होती है वही पोजिशनल ट्रेडिंग में आप weekely या फिर monthely चार्ट को भी देख सकते है !

पोजिशनल ट्रेडिंग तथा इन्वेस्टमेंट में अंतर

जब कोई व्यक्ति किसी कम्पनी में लम्बे समय तक इन्वेस्टमेंट करता है तो निवेश से पहले वह उस कम्पनी के फंडामेंटल को अच्छी तरह से देखता है , उसके बाद ही वह किसी स्टॉक को खरीदता है ! इन्वेस्टमेंट में टेक्नीकल एनालिसिस ज्यादा महत्व नहीं रखता है , लेकिन पोजिशनल ट्रेडिंग में टेक्नीकल एनालिसिस का महत्व है !

इन्वेस्टमेंट में चार्ट को देखना जरुरी नहीं है और न ही स्टॉप लोस लगाने की जरुरत होती है क्योंकि इन्वेस्टमेंट ज्यादातर 5 साल , 10 साल या फिर 20 साल के लिए किया जाता है ! पोजिशनल ट्रेडिंग में चार्ट पर नजर रखना जरुरी होता है और साथ में स्टॉप लोस लगाने की भी आवश्यकता होती है !

Positional Trading के फायदे

  • पोजिशनल ट्रेडिंग में आपको पुरे दिन चार्ट को देखने की आवश्यकता नहीं रहती है !
  • पोजिशनल ट्रेडिंग को आप पार्ट टाइम भी कर सकते है !
  • पोजिशनल ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के मुकाबले बहुत कम रिस्की है !
  • इस प्रकार की ट्रेडिंग में आप लम्बे समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते है !
  • इस प्रकार की ट्रेडिंग में आप यह आसानी से पता लगा सकते है कि कोनसे स्टॉक को कब खरीदना है और कब बेचना है !
  • अगर आपके पास टाइम की कमी है तो आपके लिए पोजिशनल ट्रेडिंग बेस्ट विकल्प है !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ Best Positional Trading Strategy In Hindi आर्टिकल आपको जरुर अच्छा लगा होगा , हमें कमेन्ट करके जरुर बताये !

FAQs : 

Q : पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है ?

Ans : पोजिशनल ट्रेडिंग में हम किसी स्टॉक को अमूमन एक सप्ताह से लेकर 1 साल तक के लिए होल्ड रखकर बेचते है !

Q : इंट्राडे ट्रेडिंग तथा पोजिशनल ट्रेडिंग में क्या अंतर है ?

Ans : इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी स्टॉक को एक दिन के अन्दर ख़रीदा और बेचा जाता है जबकी पोजिशनल ट्रेडिंग में किसी स्टॉक को लम्बे समय तक होल्ड रखकर बेचा जाता है !

Q : पोजिशनल ट्रेडिंग कितने समय तक चलता है !

Ans : एक दिन से लेकर कुछ महीनो तक

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